कहानी किसी फिल्म से कम नहीं…सब कुछ वैसा ही..जैसे फिल्मों में होता है. एक माफिया जो दो प्रेमियों का खलनायक बनता है। एक माशूका जो आशिक से दूर कर दी जाती है और एक गुर्गा जो इंतकाम की शपथ लेता है। शूटआउट से पहले अशरफ के आखिरी शब्द थे…जुबां पर गुड्डू मुस्लिम का नाम था और आगे इसमें कुछ और शब्द जुड़ते लेकिन उससे पहले लवलेश, सनी और अरुण ने मौत के घाट उतार दिया।
सवाल है कि आखिर अशरफ गुड्डू मुस्लिम का कौन सा राज खोलने वाला था। क्या गुड्डू मुस्लिम गद्दार बन चुका था और अशरफ उसी के बारे में बताने जा रहा था। ये जानने के लिए हमें फ्लैशबैक में जाना होगा। कहते हैं, इश्क बड़े-बड़ों को निकम्मा बना देता है। ऐसा ही हुआ था अतीक के खास गुर्गे और बमबाज गुड्डू मुस्लिम के साथ।
गुड्डू मुस्लिम वैसे तो शादीशुदा था लेकिन अतीक के समुदाय से ताल्लुक रखने वाली एक महिला से उसने इश्क करने की जुर्रत कर डाली और यही जुर्रत डॉन और उसके साम्राज्य के लिए काल बन गई। गुड्डू मुस्लिम की प्रेमिका गद्दी समुदाय से आती थी। अतीक भी इसी समुदाय से था। इसकी भनक अतीक को लगी। उसने गुड्डू को उस प्रेमिका से मिलने पर पाबंदी लगा दी। इस दौरान गुड्डू मुस्लिम ने अतीक से खूब मिन्नतें भी की थीं।
लेकिन अतीक का साफ कहना था कि गद्दी समुदाय में उसका निकाह कतई मंजूर नहीं। इसके बावजूद जब गुड्डू मुस्लिम अपनी प्रेमिका से मिलता रहा, जिसके बाद अतीक ने उसके सामने ही उसकी प्रेमिका का निकाह किसी और से करा दिया, जिसके बाद गुड्डू मुस्लिम नाराज हो गया और दूर हो गया।
गुड्डू मुस्लिम उस वक्त कमजोर था और अतीक के इशारे पर चलता था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक अतीक से दूर होते ही गुड्डू मुस्लिम ने अतीक से इंतकाम लेने की शपथ ले ली। करीब सात साल तक अतीक से दूर रहा। इस दौरान वो अतीक को मिटाने की प्लानिंग पर काम करता रहा। अतीक के कारोबारी दोस्तों और दुश्मनों का उसने भरोसा हासिल करना शुरू किया और अतीक के साम्राज्य को ध्वस्त करने की तैयारी करता रहा।