उत्तराखंड में दिसंबर का जीएसटी कलेक्शन 1246 करोड़ रहा है। बीते साल के मुकाबले इसमें तीन फीसदी की अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जिसने टैक्स वसूली में बढ़ोतरी दर्ज की है।
हिमालयी राज्यों में सबसे आगे उत्तराखंड
जीएसटी कलेक्शन के मामले में उत्तराखंड, बिहार, जम्मू कश्मीर, झारखंड के साथ पड़ोसी हिमाचल से आगे है। इसके अलावा हिमालयी बेल्ट के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन भी उत्तराखंड ही कर कर रहा है। राज्य में सेवा, बागवानी, ऊर्जा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। जिससे टैक्स कलेक्शन को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
जीएसटी के बावजूद वैट मामले नहीं निपट रहे
जीएसटी लागू हुए कई साल बीच चुके हैं। इसके बावजूद राज्य कर विभाग आज तक वैट के पुराने मामलों का निस्तारण नहीं कर पाया है। व्यापार मंडल के प्रदेश जीएसटी प्रभारी डॉ. प्रमोद अग्रवाल के अनुसार वैट के ज्यादातर मामलों का एकतरफा निस्तारण कर व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है। जरूरी है कि बेहतर व्यवस्था बने और स्वत:कर निर्धारण की व्यवस्था बनाई जाए।
बीते साल से दिसंबर में 36 करोड़ की बढ़ोतरी
दिसंबर 2019 में उत्तराखंड का जीएसटी कलेक्शन 1213 करोड़ रुपये था। इधर, कोरोना के चलते लॉकडाउन और उससे बने हालात से उबरने की कोशिश उद्योग तेजी से कर रहे हैं। यही कारण रहा कि दिसंबर का कुल जीएसटी बीते साल से तीन फीसदी ज्यादा मिला है। राज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर गौरव पंत के अनुसार त्योहारी सीजन का अच्छा असर देखने को मिला है।
ऑटो, स्टील, फार्म, कंज्यूमर गुड्स एवं पावर इंडस्ट्री में तेजी आई है। जिसका टैक्स पर सकारात्मक असर देखने को मिला है। पर्यटन में भी कुछ हालात बेहतर हुए हैं। निर्माण सेक्टर में भी धीरे ही सही पर तेजी आ रही है। जिससे टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिल रही है। सरकार के प्रयासों से कारोबारी हालात लगभग सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं। उम्मीद है कि कोविड वैक्सीन के बाद कारोबार में और तेजी आएगी।