देश के हाई प्रोफाइल नगर निगम में शामिल हो चुके ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के लिए मतदान चल रहा है. बीजेपी देश के किसी नगर निगम का चुनाव शायद ही इतनी ताकत के साथ लड़ी हो, इधर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी इस चुनाव में पूरे दम खम के साथ उतरे.
बीजेपी की ओर से अमित शाह, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने इस चुनाव में एंट्री लेकर इसे हाई वोल्टेज का टक्कर बना दिया. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम बीजेपी और AIMIM के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की कुल 150 सीटों पर कुल 1122 प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी के 149 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं तो टीआरएस ने सभी 150 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं.
वहीं कांग्रेस 146 सीटों पर ताल ठोक रही है जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने महज 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. टीडीपी 106, सीपीआई 17, सीपीएम 12, निर्दलीय 415 और अन्य पार्टियों से 76 प्रत्याशी मैदान में है.
हैदराबाद निगम का समीकरण
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं.
इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं. यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है.
बता दें कि 2016 के ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत दर्ज की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 44 वार्ड जीते थे.
वहीं, बीजेपी महज तीन नगर निगम वार्ड में जीत दर्ज कर सकी थी और कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी. इस तरह से ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर केसीआर और ओवैसी की पार्टी ने कब्जा जमाया था