जन्मदिन विशेष : शानदार खेल और अच्छे व्यवहार ने सचिन तेंदुलकर को दुनिया का ‘महान खिलाड़ी’ बनाया

आज 24 अप्रैल है । आज खेल जगत में एक ऐसे खिलाड़ी का जन्मदिन है, जिसने अपने शानदार खेल और अच्छे व्यवहार से देश ही नहीं बल्कि दुनिया का दिल जीता । चाहे खेल के मैदान में हो या निजी जीवन में अपने आप को विवादों से दूर रखते हुए धैर्य और संयम का परिचय दिया । वे लंबे क्रिकेट करियर में हमेशा शांत नजर आए ।

क्रिकेट के खेल प्रेमियों ने उन्हें ‘भगवान’ का दर्जा भी दिया । हम बात कर रहे हैं पूर्व मास्टर ब्लास्टर और महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की । जब-जब क्रिकेट की बात चलती है तेंदुलकर का नाम सबसे पहले आता है । आज सचिन का जन्मदिन है। 48 साल के हो चुके हैं तेंदुलकर ने साल 2013 में क्रिकेट से भले ही संन्यास ले लिया हो लेकिन आज भी क्रिकेट प्रशंसक उनके खेल को भूल नहीं पाए हैं। अभी पिछले दिनों ही सचिन कोरोना पॉजिटिव हो गए थे ।

अब फिलहाल वह स्वस्थ हैं । इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से सचिन अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया पर सुबह से ही क्रिकेट प्रशंसक उन्हें शुभकामनाएं और बधाई देने में लगे हुए हैं । सही मायने में क्रिकेट का मतलब ही सचिन तेंदुलकर है । 24 साल के अपने लंबे क्रिकेट कैरियर में तेंदुलकर ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाकर अपने आप को दुनिया के ‘महान’ क्रिकेट खिलाड़ियों में शुमार कर दिया ।

जब-जब सचिन मैदान में होते थे पूरा देश उनकी बल्लेबाजी पर झूमता था । तेंदुलकर की बल्लेबाजी देखने के लिए देशवासी अपनेे महत्वपूर्ण काम भी छोड़ दिया करते थे । नेता से लेकर बॉलीवुड के कई दिग्गज फिल्म स्टार सचिन की बल्लेबाजी के प्रशंसक रहे हैं । महान गायिका लता मंगेशकर महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर तमाम सेलिब्रिटी तेंदुलकर की बल्लेबाजी देखने के लिए मैदान पर भी मौजूद होतेे थेे।

महान खिलाड़ी सचिन को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है । तेंदुलकर एक बार राज्य सभा सांसद भी रहे हैं। अब सचिन के क्रिकेट करियर के बारे में जान लिया जाए। 24 अप्रैल 1973 को मुंबई (तब बंबई) में सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था । बचपन में ही तेंदुलकर ने बल्ला थाम लिया था ।‌‌‌‌‌‌‌‌

पूर्व महान ओपनर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, क्योंकि उनके नाम आज भी कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं, जो कम से कम इस दशक में टूटने वाले नहीं हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे पहले दोहरा शतक जड़ने का कारनामा भी सचिन तेंदुलकर ने कर दिखाया है।

साल 1989 में सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था—

यहां हम आपको बता दें कि तेंदुलकर रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी कप में अपने सपने की शुरुआत के बाद उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। तेंदुलकर ने 16 साल और 205 दिनों की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए ।

साल 1989 में भारतीय टीम में डेब्यू किया था और इसके बाद अगले 24 सालों में आधुनिक क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाज बन गए। जैसे ही सचिन तेंदुलकर ने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में ओपनिंग शुरू की। वैसे ही उन्होंने रिकॉर्ड्स की झड़ी लगानी शुरू कर दी। ओपनर के तौर पर खेलते हुए वह अच्छी पारियां तो खेल पा रहे थे, लेकिन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक का सूखा वे आधा दर्जन पारियों से ज्यादा खेलने के बाद पूरा कर सके।

वनडे क्रिकेट में उन्होंने पहला शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 सितंबर 1994 को जड़ा था। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में 1990 में ही उन्होंने शतक जड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच देश के लिए खेले हैं। इनकी 329 पारियों में 33 बार नाबाद रहते हुए उन्होंने 15921 रन बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में सचिन का सर्वाधिक स्कोर 248 रन है। 51 शतक, 6 दोहरे शतक और 68 अर्धशतक उन्होंने जड़े हैं। वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 463 मैचों की 452 पारियों में 18426 रन बनाए हैं, जिसमें 49 शतक, एक दोहरा शतक और 96 अर्धशतक शामिल हैं।

बता दें कि तेंदुलकर ने सबसे अधिक विश्व कप खेले, इसलिए उनके पास टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर 16 नवंबर 2013 का दिन इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज है। इसी दिन वेस्टइंडीज से टेस्ट सीरीज जीतने के साथ क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले तेंदुलकर ने हमेशा के लिए क्रिकेट को अलविदा कहा था और इस दिन पूरे क्रिकेट जगत के सभी खिलाड़ियों की आंखें नम हो गई थी। तेंदुलकर आज भले ही ऊंचाइयों पर हैं लेकिन अपने पुराने के दिनों को नहीं भूल पाए हैं। अपने बचपन के दोस्तों के बीच आज भी वे लोकप्रिय हैं । मुंबई के बांद्रा की जिस साहित्य सहवास कॉलोनी में सचिन तेंदुलकर का बचपन बीता, जिनके साथ वह बचपन में खेले, वह अभी उनके दोस्त बने हुए हैं।

भले ही सचिन का परिवार अब उस कॉलोनी में नहीं रहता लेकिन उस मकान को उन्होंने अपने पास रखा हुआ है। सचिन तेंदुलकर चैरिटी वर्क भी करते हैं। वह तमाम ऐसी संस्थाओं के जुड़े हैं जो कल्याण का काम करती हैं। अपनी कमाई का एक हिस्सा वह ऐसे कामों पर खर्च करना नहीं भूलते।

यही नहीं ऐसे कामों के लिए वह समय भी निकालते हैं। सचिन मुंबई के एनजीओ अपनालय के करीब 200 बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं। आज दुनिया भर के क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को बहुत ही सम्मान देते हैं । साथ ही युवा और उभरते खिलाड़ियों के सचिन तेंदुलकर प्रेरणा स्रोत भी हैं।

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