राज्य में केंद्र से मिला हुआ बिजली का गैर आवंटित कोटा अब खात्मे की ओर है। इसके साथ ही अक्तूबर और इसके बाद ठंड के महीनों में राज्य में भारी बिजली संकट की आशंका तेज हो गई है। उधर, राज्य सरकार इस संकट को खत्म करने में जुट गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से इस संबंध में बातचीत करेंगे। दरअसल, पूर्व में बिजली की जो किल्लत थी, उस पर सीएम धामी की कोशिशों के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से बड़ी राहत मिली थी। अब केंद्र का गैर आवंटित कोटा समाप्त होने को है।
राज्य में बिजली संकट बढ़ने लगा है। व्यासी परियोजना से रोजाना 24 लाख यूनिट न मिलने से ग्रामीण इलाकों में रोजाना साढ़े चार घंटे तक कटौती की जा रही है। शुक्रवार को हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में चार से साढ़े चार घंटे कटौती की गई। छोटे कस्बों में दो घंटे, काशीपुर में डेढ़, रुद्रपुर में सवा घंटे, हल्द्वानी व रुड़की में डेढ़ और ज्वालापुर में दो घंटे कटौती हुई। स्टील फर्नेश उद्योगों में गढ़वाल मंडल में करीब साढ़े नौ घंटे और कुमाऊं मंडल में साढ़े 10 घंटे कटौती की गई। यूपीसीएल के मुताबिक, वर्तमान में बिजली की मांग करीब 4.8 करोड़ यूनिट तक जा रही है, जिसके सापेक्ष 4.6 करोड़ यूनिट बिजली ही मुहैया हो पा रही है।