सुप्रीम कोर्ट में आज जजों की नियुक्ति में देरी के मामले को लेकर सुनवाई हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने में केंद्र द्वारा महीनों की देरी हुई है।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस बात से नाखुश है कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग ने संवैधानिक मस्टर पास नहीं किया। बता दें कि दो दिन पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि कॉलेजियम नहीं कह सकता कि सरकार उसकी तरफ से भेजा हर नाम तुरंत मंजूरी करे।
इसी के साथ स्कूल में कक्षा 6 से 12 की लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध करवाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को नोटिस भी जारी किया। याचिका में कहा गया है कि सरकारी, सरकारी अनुदान से चलने वाले और आवासीय स्कूल में लड़कियों को सैनिटरी पैड देने के अलावा अलग टॉयलेट की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अनुपचारित सीवेज को कोंडली सिंचाई नहर में बहने से रोकने में विफल रहने पर नोएडा पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के NGT के आदेश पर रोक लगा दी है।