उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वालों के लिए एक खुशखबरी है। गूगल ने उत्तराखंड की लोकभाषाओं के लिहाज से एक शानदार पहल की है। गूगल की इस पहल से अब उत्तराखंड की लोक भाषाओं को एक अलग नाम और पहचान मिलेगी। उत्तराखंड की लोकभाषाओं गढ़वाली और कुमाऊंनी को अब गूगल ने अपने कीबोर्ड के अंदर समाहित कर लिया है
अन्य भाषाओं की तरह अब हम गूगल इंडिक कीबोर्ड में गढ़वाली और कुमाऊंनी में भी लिख सकते हैं। अब तक गढ़वाली और कुमाऊंनी में लिखने के लिए हमें हिंदी कीबोर्ड का प्रयोग करना पड़ता था। मगर अब गूगल ने दोनों लोग भाषाओं के लिए अलग से ऑप्शन दे दिया है
जिसका उपयोग करके आप आसानी से गढ़वाली और कुमाऊंनी में टाइप कर सकते हैं। गूगल कि इस अनोखी पहल से कुमाऊंनी और गढ़वाली लोकभाषाओं को एक अलग पहचान मिलेगी और इससे भाषा का प्रचार और प्रसार भी होगा। इसी के साथ लोगों के बीच में मातृभाषा के प्रति लगाव भी बढ़ेगा।