लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात गैंगस्टर दीपक टीनू को स्पेशल सेल काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने अजमेर से गिरफ्तार कर लिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि जांच एजेंसी को उसके पास से 5 हैंड ग्रेनेड, एक अत्याधुनिक पिस्टल सहित अन्य हथियार भी मिला है.
एजेंसी को आशंका है कि दीपक को यह हथियार ड्रोन के जरिये पाकिस्तान से मिले. हथियारों की खेप लॉरेंस की गैंग तक पहुंचनी थी. इसके जरिये एक हाई प्रोफाइल हत्याकांड को अंजाम दिया जाना था.
गौरतलब है कि, दीपक टीनू हाल ही में पंजाब के मानसा के काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट (CIA) के इंचार्ज प्रीतपाल की कस्टडी से फरार हो गया था. इससे पंजाब पुलिस की जबरदस्त किरकिरी हुई थी और सरकार ने सीआईए इंचार्ज को तुरंत नौकरी से बरखास्त कर दिया था.
इसके बाद स्पेशल टीम को दीपक की तलाश में लगाया गया. स्पेशल टीम ने अपने संपर्कों को एक्टिव किया तो पता चला कि दीपक अजमेर के एक गांव में हैं. स्पेशल काउंटर टीम ने जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया.
स्पेशल सेल के मुताबिक दीपक टीनू मानसा से फरार होने के बाद सीधे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर स्थित राजस्थान के हनुमान गढ़ के गुगहेडी पहुंचा. उसके बाद वह बीकानेर, जयपुर, और फिर अजमेर में जाकर छुप गया. अजमेर में राजस्थान के अपने वक्त के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के पुराने ठिकाने पर दीपक टीनू को रुकवाया गया था. इस दौरान गोल्डी बराड़ दीपक को लगातार सपोर्ट कर रहा था.
उसके सपोर्ट के लिए लॉरेंस गैंग के संपत नेहरा और अनमोल बिश्नोई के दो खास गैंगस्टर रोहित गोदारा और जैक तैयार थे. रोहित अजरबैजान से और जैक यूरोप से उसकी मदद कर रहे थे. दोनों दीपक को लॉजिस्टिक पैसे के जरिये स्पोर्ट कर रहे थे. इतना ही नहीं, दीपक का फर्जी पासपोर्ट बनवाकर उसे विदेश भगाने की प्लानिंग भी की जा रही थी.
स्पेशल सेल ने बताया कि जब दीपक टीनू को गिरफ्तार किया तो उसके पास से 5 हैंड ग्रेनेड, एक आधुनिक पिस्टल और एक अन्य हथियार मिला. यह गैंग एक बड़ी साजिश करने जा रहे थे. एजेंसी को आशंका है कि ये हथियार दीपक को पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये पहुंचे. इन हथियारों से किसी हाई प्रोफाइल हत्याकांड को अंजाम दिया जाना था. गौरतलब है कि अब स्पेशल सेल यह पता लगाने में लगी है कि आखिर हैंड ग्रेनेड दीपक तक कैसे और किस रास्ते से पहुंचे. बता दें, दीपक टीनू साल 2017 में भी हरियाणा पुलिस की कस्टडी से भगा गया था.