इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के पूर्व चीफ डॉ आर गंगाखेडकर ने साफ किया है कि भारत में कोरोना के जिन दो वैक्सीन को अनुमति दी गई है, उनमें पोर्क (सूअर का मांस) का कोई अंश नहीं है.
उन्होंने कहा कि इन अफवाहों पर एकदम यकीन करने की जरूरत नहीं है और ऐसी अफवाह बेबुनियाद और बकवास हैं.
डॉ आर गंगाखेडकर कोरोना से जंग में एक बड़ा चेहरा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान डॉ गंगाखेडकर कोरोना से जुड़े अपडेट लगातार दिया करते थे. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन से जुड़े सोशल मीडिया संदेशों की सत्यता की जांच के किए बिना उन्हें आगे न बढ़ाएं.
डॉ आर गंगाखेडकर ने कहा कि लोगों को ये समझना चाहिए कि इन वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए एक सिस्टम बना है, इस पर पूरी तरह से विचार करने के बाद ही मंजूरी दी गई है.
उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को लेने से मना करने वालों को सोचना चाहिए कि इसका नुकसान सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि उनके परिवार को भी उठाना पड़ सकता है. उनके रिश्तेदार और दोस्त भी मुश्किल में पड़ सकते हैं.