कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू को सख्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमूमन यह देखने में आ रहा है कि सब्जी मंडी में भी भीड़ उमड़ रही है। मास्क के प्रयोग को लेकर बेपरवाही है। ऐसे में सख्त कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लाकडाउन से कोरोना की चेन टूटेगी, मगर सरकारों को सभी तरह की व्यवस्था देखनी होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जो लोग गांव लौट रहे हैं, उनके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ग्राम स्तर बने क्वारंटाइन सेंटर में कम से कम पांच दिन अवश्य रहें। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों को अधिक अधिकार देने की जरूरत है।
यदि कोई कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति ने आरटी पीसीआर कराया है, तो वह रिपोर्ट आने तक घर पर ही आइसोलेशन में रहे।
उसकी निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जनता पूर्व में कोरोना को लेकर निर्भय सी हो गई थी। यही कारण है कि ऐहतियात न बरतने की वजह से कोरोना का प्रसार अधिक हुआ है।
ऐसे में आमजन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है, मगर अब कोरोना के मामले भी 10 गुना अधिक बढ़ने से व्यवस्था चरमराई है। उन्होंने कहा कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं