बुधवार को जिला मुख्यालय के निकट आंबेडकर भवन के पास कूड़ा करकट जलाने के लिए लगाई गई आग श्याम स्मृति वन और वरुणावत के जंगल में फ़ैल गयी। आग से श्याम स्मृति वन में लगाए गए करीब 70 हजार से अधिक पेड़-पौधे जलकर खाक हुए।
बता दे आग पर काबू पाने के लिए श्याम स्मृति वन के संरक्षक प्रताप पोखरियाल और उनका परिवार जान जोखिम में डालकर जुटा रहा। पोखरियाल ने इस संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उत्तरकाशी कोतवाली में तहरीर दी है। 65 वर्षीय बुजुर्ग प्रताप पोखरियाल और उनके परिवार के सदस्य 15 हेक्टेयर में फैले श्याम स्मृति वन को बचाने में जुटे।
लेकिन खासी मशक्कत करने के बाद भी श्याम स्मृति वन के एक बड़े हिस्से में 70 हजार से अधिक पौधे आग की भेंट चढ़े। ये पौधे पिछले पांच वर्षों के अंतराल में प्रताप पोखरियाल ने रोपित किए थे। इन पौधों में तेज पत्ता, बांज, कनेर, आंवला, बुरांश, शीशम, शाल, बांस, रिंगाल, अनार, बेलपत्र, हरण, बहेड़ा, मीठी नीम, गुडहल, किनगोड़ा, हिंसर, टेमरू समेत कई प्रजातियों के पौधे शामिल थे। जो जंगल में लगी आग की भेंट चढ़ गए।
प्रताप पोखरियाल ने कहा कि श्याम स्मृति वन में आग से भारी नुकसान हुआ है। वही चौबट्टाखाल तहसील के अंतर्गत ग्रामसभा सेड़ियाधार में जगंल की आग में हुई दो युवकों की मौत के मामले की जांच सतपुली की तहसीलदार सुधा डोभाल करेंगी।