उच्च हिमालयी दारमा गांव में बर्फ से ढ़के घरों में हिम भालुओं के पांव के निशान मिले हैं। यहां के ग्रामीण इस समय माइग्रेशन पर घाटी के गांवों में हैं। ऐसे में इनके बंद पड़े घरों में हिम भालुओं की दस्तक से लोग परेशान हैं। उन्हें अपने घरों में रखे सामान की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है।
धारचूला, मुनस्यारी के उच्च हिमालयी गांवों के लोग इस समय शीतकालीन प्रवास पर घाटी के गांवों में रह रहे हैं। दारमा वैली के उच्च हिमालयी गांव सीपू में तीन फीट से अधिक बर्फ से घर ढ़के हुए हैं।
इससे वहां भोजन की तलाश में हिम भालुओं ने मानव बस्ती की तरफ रुख किया है। सीपू गांव में आईटीबीपी के गश्ती दल को बंद घरों की छतों पर हिम भालुओं के पांवों के कई निशान दिखाई दिए हैं।
दारमा होम इस्टे संघ के अध्यक्ष जयेन्द्र फिरमाल ने कहा है कि भालुओं ने बंद घरों को कितना नुकसान पहुंचाया है, यह गर्मियों में वहां जाने के बाद ही पता चलेगा। कहा कि लगातार हिम भालुओं के आतंक से सीमांत के लोग परेशान हैं।