क्राइम

पहले दी नशे की गोलिया फिर प्रेमी संग मिलकर की थी 7 लोगो की हत्या,अब होगी फांसी

1947 में आजादी मिलने के बाद पहली बार देश में 7 हत्याओं के लिए शबनम नाम की महिला को फांसी दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के बाद राष्ट्रपति भवन से भी उसकी दया याचिका खारिज हो चुकी है. 8वीं पास प्रेमी के प्यार में पागल इस महिला ने अपने माता-पिता भाई-बहन समेत 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी.

इस हत्या का सिर्फ एक कारण था वो ये कि शबनम के माता पिता प्रेमी से उसकी शादी कराने के लिए तैयार नहीं थे. बस इसी के बाद शबनम और उसके प्रेमी ने इस खूनी साजिश को अंजाम देने का फैसला कर लिया.मामला 2008 का है. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बावनखेड़ी गांव में शिक्षक शौकत अली पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, बहू अंजुम और इकलौती बेटी शबनम के साथ रहते थे.

पिता ने इकलौती बेटी को बड़े लाड़-प्यार से पाला था और उसे बेहतर शिक्षा दी जिसकी बदौलत शबनम की शिक्षामित्र में नौकरी भी लग गई थी.


इसी दौरान शबनम को गांव के आठवीं पास युवक सलीम से प्यार हो गया और दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन अलग-अलग जाति के मुस्लिम होने की वजह से दोनों की शादी के लिए शबनम के घर वाले तैयार नहीं थी, शबनम जहां सैफी थीं वहीं सलीम पठान बिरादरी का था.

परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शबनम आए दिन अपने प्रेमी को मिलने के लिए घर बुलाने लगी जिसका परिवार के लोग विरोध करते थे. प्रेमी से मिलने में कोई बाधक ना बने इसके लिए शबनम अपने घर के लोगों को चुपके से नींद की गोलियां देने लगी. 14 अप्रैल 2008 की रात को भी शबनम ने अपने प्रेमी से मिलने के लिए परिवार के लोगों को नींद की गोलियां दे दीं.

उसी दौरान शादी में बाधक बन रहे परिजनों को लेकर शबनम ने अपने प्रेमी सलीम से शिकायत की और उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रच दी. रात को नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशि, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया समेत 7 लोगों को एक-एक कर दोनों ने कुल्हाड़ी से काट दिया.
घटना को अंजाम देकर सलीम वहां से फरार हो गए लेकिन शबनम घर में रही और सुबह होते ही रोने का नाटक करते हुए गांव वालों को बताने लगी की बदमाशों ने आकर उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी.

जब लोग उनके घर पहुंचे तो दो मंजिले मकान के तीन कमरों में बस खून ही खून पसरा था और बिस्तर पर शव पड़े हुए थे.
बेटी द्वारा किए गए इस नरसंहार की वजह से बावनखेड़ी गांव कई महीनों तक देश में सुर्खियों में रहा और उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने भी वहां का दौरा किया था. हालांकि शबनम के शुरुआत में दिए बयान के बाद ही पुलिस को उस पर शक हो गया था.

मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने शबनम की पोल खोल दी और जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वो टूट गई और उसने पूरी खौफनाक साजिश का खुलासा कर दिया. बता दें कि ट्रायल के दौरान जेल में ही शबनम ने सलीम के बच्चे को भी जन्म दिया था.

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