कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु शहर की एक कहानी जिसे देश के दूसरे हिस्सों के लोग को भी जानना बहुत जरुरी है और इस रियल लाइफ स्टोरी से बहुत कुछ सीखना चाहिए। ये कहानी है विजय संकेश्वर की।
जिन्होंने अपने पुश्तैनी कारोबार को छोड़ दिया। और अपने जीवन में कुछ अलग करने की सोच रखने वाले विजय ने सामान ढोने के कारोबार में किस्मत आजमाने का फैसला किया।
उधारी लेकर अपना टेलीफोन बिल भरने वाले विजय अब देश में सबसे बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी विजयानंद रोड लाइंस (वीआरएल) चलाते हैं।
आपको बता दे कि इस कंपनी के पास देश में सबसे ज्यादा व्यावसायिक वाहन होने का भी रिकॉर्ड है। विजय संकेश्वर की इसी प्रेरक कहानी पर बनी फिल्म ‘विजयानंद’ का ट्रेलर शनिवार की रात बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने जारी किया।
इस फिल्म में विजय संकेश्वर की जीवन यात्रा व उनके अद्भुत को दिखाया गया है जो खुद में बहुत रोचक है। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत बेहद सामान्य ढंग से की थी और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी काफी साधारण थी। बाद में अपनी मेहनत और लगन के बूते वह कन्नड़ के सबसे बड़े अखबार विजय कर्नाटक के मालिक बने।
इस अखबार को बाद में टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार प्रकाशित करने वाली कंपनी ने 2007 में खरीद लिया। इसी के साथ भारत सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है।
ट्रेलर लॉन्च के मौके पर उद्योगपति विजय संकेश्वर ने खुलासा किया कि फिल्म ‘विजयानंद’ दरअसल उनकी और उनके बेटे आनंद संकेश्वर की कहानी है। विजय और आनंद की कहानी का नाम इसीलिए विजयानंद रखा गया।