तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में परिसीमन (डेलिमिटेशन) पर संयुक्त क्रियावली समिति (JAC) की पहली बैठक चेन्नई में आयोजित की गई। इस बैठक में केरल, तेलंगाना, पंजाब और कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में दक्षिणी राज्यों की संसद में संभावित प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता व्यक्त की गई। नेताओं ने 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया को फिर से लागू करने की मांग की, ताकि आगामी 30 वर्षों तक समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विरोध प्रदर्शन किया और इसे ‘भ्रष्टाचार छिपाने की बैठक’ करार दिया। बीजेपी नेता ए. अनमलाई ने आरोप लगाया कि स्टालिन इस बैठक के जरिए जनता का ध्यान भ्रष्टाचार से भटका रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस आरोप का खंडन करते हुए आश्वासन दिया कि दक्षिणी राज्यों की संसद में सीटों की संख्या में कोई कमी नहीं होगी।
इस बैठक में शामिल नेताओं ने परिसीमन की प्रस्तावित प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और इसे संघवाद और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। यह मामला आगामी दिनों में राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन सकता है।