चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी को रामनवमी का पर्व होता है। इस दिन बहुत धूमधाम से भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है की श्रद्धा और विश्वास के साथ इस दिन व्रत और उपवास करने से अभीष्ट फलों की प्राप्ति होती है।
धार्मिक ग्रंथो में उल्लेख है की जब भगवान राम का जन्म हुआ तब चैत्र शुक्ल नवमी तिथि, पुष्य नक्षत्र और मध्याह्न का समय था। इस वर्ष रामनवमी (Ram Navami 2021) बुधवार, 21 अप्रैल 2021 को पड़ रही है क्योंकि मध्याह्न व्यापिनी नवमी इसी दिन रहेगी। आइये आगे जानते हैं सुख, समृद्धि और अभीष्ट फलों की प्राप्ति के लिए किस विधि से करें रामनवमी का पूजन एवं इसका शुभ मुहूर्त।
रामनवमी व्रत विधि
नवमी के दिन व्रती को चाहिए की प्रातः नित्यकर्मादि से निवृत्त होकर “मम अमुकफलप्राप्तिकामनया रामनवमीव्रतमहं करिष्ये” मंत्र से व्रत का संकल्प ले। तदुपरांत अपने घर या मंदिर को ध्वजा, पताका, बंदनवार आदि से सजाये। फिर कलश स्थापना करके उसके ऊपर राम पंचायतन की प्रतिमा या फोटो स्थापित करके षोडशोपचार पूजन करे।
पूजन के पश्चात सांकेतिक जन्मोत्सव मनाए और दिन भर भगवान का भजन – स्मरण करे। रात्रि में गायन, वादन, नर्तन तथा राम की लीलाओं का श्रवण और मंचन कर जागरण करें। दूसरे दिन दशमी को विसर्जन कर पारण करना चाहिए।
रामनवमी व्रत मुहूर्त
व्रत का दिन – रामनवमी बुधवार, 21 अप्रैल 2021 को है
नवमी तिथि का आरंभ – बुधवार, 21 अप्रैल 2021 को सुबह 00 बजकर 44 मिनट से
नवमी तिथि का अंत – गुरुवार, 22 अप्रैल 2021 को सुबह 00 बजकर 35 मिनट पर
रामनवमी व्रत के पारण का समय – गुरुवार, 22 अप्रैल 2021 को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक