केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.सरकार इन बिलों को किसानों के हक में बता रही है, जबकि किसान इसका विरोध कर रहे हैं. ऐसे में कृषि विशेषज्ञ पी. साईनाथ ने भी इस कानून पर भी अपनी राय रखी है, उनका कहना है कि ये वक्त है कि जो लोग किसान नहीं हैं, उन्हें इन कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए.
पी. साईनाथ के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के बीच ऐसे कानून लाकर गलती है और वो माहौल को समझ नहीं पाई है. सरकार को लगा कि अगर वो इस वक्त कानून लाएंगे, तो कोई विरोध नहीं कर सकेगा. लेकिन उन्होंने ये गलत अनुमान लगाया और आज हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर हैं.
कृषि कानून को लेकर पी. साईनाथ ने कहा कि APMC एक्ट का क्लॉज 18 और 19, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट में दिक्कतें हैं जो किसानों को किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं देते हैं.
पी. साईनाथ ने कहा कि भारत के संविधान का आर्टिकल 19 देश के लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार देता है. लेकिन कृषि कानून के ये एक्ट किसी भी तरह की कानूनी चुनौती देने से रोकते हैं. इसमें सिर्फ ये नहीं कि किसान नहीं कर सकते, बल्कि कोई भी नहीं कर पाएगा.