देहरादून में फर्जी डॉक्टर मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन फर्जी डॉक्टरों के पास न तो डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग के पास इनका पंजीकरण हुआ हैं, लेकिन इसके बावजूद ये अपना क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज कर रहे हैं।
इतना ही नहीं कई मेडिकल स्टोरों में भी इस तरह के फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। सोमवार को भी ऐसे ही एक फर्जी डॉक्टर के कारण एक मरीज की मौत हो गई। अब स्वास्थ्य विभाग ने 60 ऐसे फर्जी क्लीनिक और मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस जारी किया है।
हालांकि सोमवार की शाम एक 45 वर्षीय मरीज को गंभीर हालत में दून अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था। मरीज के मुंह से खून निकल रहा था। परिजनों ने बताया कि मरीज को किडनी और सांस लेने में समस्या थी।
बता दे कि पिछले कुछ दिनों से उसका बंगाली डॉक्टर के पास इलाज चल रहा था। इलाज के बावजूद मरीज की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। जिसके बाद उसे दून अस्पताल में लाया गया था, लेकिन इमरजेंसी में भर्ती कराते ही उसकी मौत हो गई।
इसी के साथ दून अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि यदि परिजन मरीज को सहीसमय पर अस्पताल ले आते तो जान बचाई जा सकती थी।
यह स्थिति सिर्फ एक मरीज की नहीं तमाम मरीज इस स्थिति से गुजरते हैं। जानकारी के अभाव में मरीज फर्जी डॉक्टर से इलाज करवाते हैं और अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।