मौका भी था दस्तूर भी, पांच राज्यों के चुनाव दहलीज पर भी हैं, किसानों की नाराजगी के साथ विपक्ष के पास मुद्दा भी था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही मास्टर स्ट्रोक से देश के करोड़ों किसानों को खुश कर दिया वहीं विपक्षी नेताओं के पास विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में बैठे थे उनकी भी सियासी रणनीति को कमजोर कर पानी फेर दिया. फिलहाल विपक्ष नए सिरे से मोदी सरकार को घेरने में जुट गया है.
कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर किसी ने सोचा नहीं होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फैसले से चौंका देंगे. शुक्रवार सुबह जब घड़ी की सुई में 9 बजे थे तब पीएम मोदी ने देश को संबोधित करने का अचानक फैसला किया. प्रधानमंत्री के इस संबोधन को लेकर देशवासी सोच भी नहीं रहे थे कि तीनों कृषि कानून को वापस लेने का फैसला करने जा रहे हैं. जब पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि पारित किए गए तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएंगे सुनकर किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई.
1 साल 2 महीने 2 दिन बाद प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार का फैसला पलट दिया. केंद्र सरकार के इस कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने यह कृषि बिल वापस लेने का फैसला तब किया जब वे आज से उत्तर प्रदेश में तीन दिन के दौरे पर हैं. पीएम बुंदेलखंड के महोबा और झांसी का दौरा करेंगे. वे शुक्रवार शाम लखनऊ आएंगे. यहां वे 20-21 नवंबर को पुलिस मुख्यालय में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद किसानों में खुशी का माहौल है तो समूचा विपक्ष निशाना साधते हुए मोदी सरकार की हार बता रहा है. आइए अब जान लेते हैं प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए किसानों और कृषि कानून को लेकर क्या कहा.
–शंभू नाथ गौतम