बता दें कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था. यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद और पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में भारत, चीन, यूरोप के नीदरलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क समेत कई देशों में साइकिल चलाने वाले लोगों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. नीदरलैंड में 40% से अधिक लोग काम पर जाने के लिए साइकिल का ही प्रयोग करते हैं. इसके फायदों की बात करें तो साइकिल परिवहन का एक सरल साधन तो है ही, साथ ही यह पर्यावरण के संरक्षण में भी काफी योगदान दे सकती है. आज तमाम देशों में लोग साइकिल से चलने के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं.
हर रोज साइकिल चलाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है
अगर इससे जुड़ी शारीरिक और मानसिक सेहत की जानकारी दें तो शोधों में पाया गया है कि रोजाना आधा घंटा साइकिलिंग करना हमें मोटापे, हृदय रोग, मानसिक बीमारी, मधुमेह और गठिया आदि कई बीमारियों से बचा सकता है. साइकिलिंग से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं होता, आधा घंटा साइकिलिंग से बॉडी फिट रहती है और शरीर पर चर्बी नहीं आती, साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है. रोजाना साइकिलिंग से दिमाग 15 से 20 फीसदी एक्टिव रहता है. साइकिलिंग सबसे सस्ता परिवहन साधन है. हार्ट और लंग्स स्ट्रॉन्ग रहते हैं और कई जानलेवा बीमारियां दूर रहती हैं. हमें भी संकल्प लेना होगा अच्छी सेहत और बढ़ते प्रदूषण को हटाने के लिए गाड़ियों और मोटरसाइकिलों से न चलकर छोटे सफर के लिए साइकिल से ही चलने की आदत डालनी होगी.