उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ महीने ही बचे हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को बैठे-बिठाए हिंदुत्व पर बयान देकर मुद्दा थमा दिया है. या कहें सपा और कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की सियासी पिच तैयार कर दी है. हिंदू मतों के ध्रुवीकरण का रास्ता पूरी तरह खुल चुका है. कुछ हद तक बीजेपी ने इस ओर कदम बढ़ाए थे, अब सपा और कांग्रेस ने भी इस काम को आसान कर दिया है.
बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है, जिन्ना को मुस्लिम और पाकिस्तान प्रेम से जोड़ा जा रहा है, हिंदुत्व पर विवादित बयान को हिंदुओं के अपमान से. दोनों ही घटनाओं में एक धर्म को पूरी तरह अपने पक्ष में करने की जुगत है. यहां आपको बता दें कि 31 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना का भी जिक्र कर दिया. अखिलेश ने कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही जगह से पढ़कर आए थे.
सभी बैरिस्टर भी बने। उन्होंने हमे आजादी दिलवाई थी. हमारे लिए संघर्ष किया था। इसके बाद भाजपा नेताओं ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी समय से अपनी हर रैली में अखिलेश पर हमला करते हुए ‘तालिबानी मानसिकता’ और ‘तुष्टीकरण’ वाली राजनीति का जिक्र कर रहे हैं. बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने वाली है. इस मुद्दे पर गेंद पूरी तरह बीजेपी के पाले में पड़ी है, हिंदुओं का ध्रुवीकरण करने का आसान तरीका मिल चुका है.
सियासत के जानकारों का मानना है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले अब भाजपा को जीतने के लिए ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि कांग्रेस के सलमान खुर्शीद बीजेपी को संजीवनी देने का काम कर गए हैं. सलमान की किताब का अंश आते ही बीजेपी संगठन ने तैयारी शुरू कर दी है.
शंभू नाथ गौतम