कानपुर के लोगों के लिये आंखों का मुफ्त ऑपरेशन करवाना जी का जंजाल बन गया. मामला कानपुर से जुड़ा है. जिले के शिवराजपुर स्थित एक गांव का है जहां के रहने वाले तकरीबन दो दर्जन लोगों ने चैरिटी के तहत होने वाले आंखों के मोतियाबिंद ऑपरेशन मुफ्त कराने के चक्कर में छह लोगों ने अपनी आंखें गंवा दीं, इसके बाद मरीजों ने सीएमओ कानपुर से शिकायत की और अब उनमें से चार मरीजों की आंखें सड़ चुकी हैं. ये बातें मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग ने जांच के बाद कही.
दरअसल 2 नवंबर को कानपुर के बर्रा स्थित आराध्या आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का कैंप एक चैरिटी के तहत किया गया जिसमें मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया गया लेकिन 10 दिन बाद ही जब मरीजों को कुछ दिक्कत हुई जिसमें से 6 मरीज ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी.
इसकी शिकायत लेकर पहले वह अस्पताल के जब वहां किसी ने नहीं सुनी तो उन्होंने कानपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए और 6 मरीजों का इलाज कानपुर के मेडिकल कॉलेज में शुरू किया गया.
छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है जब मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग में इनकी जांच की गई तो मालूम चला कि संक्रमण की वजह से कार्निया गल कर सफेद हो गई हैं हालांकि डॉक्टर इलाज में जुट गए हैं लेकिन उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है.
इस पूरे मामले में अस्पताल की लापरवाही और डॉक्टर नीरज गुप्ता जिन्होंने ऑपरेशन किया था जांच के बाद अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सीएमओ डॉ आलोक रंजन का कहना है कि जांच आगे बढ़ते ही अन्य धाराओं पर भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.