चैत्र नवरात्रि का पर्व अब धीरे-धीरे समापन की ओर बढ़ रहा है. आज दुर्गा अष्टमी पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. इस दिन कन्या पूजन के साथ कन्याओं को भोजन कराया जाता है. इस दिन पर यूपी, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में माता के भक्त कन्या पूजन कर अपने नवरात्रों के उपवास को खोलते हैं. चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विधान है. नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का खास महत्व होता है. अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.
आज अष्टमी को मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के आठवें रूप को मां महागौरी के रूप में पूजा जाता है. महागौरी का रूप मनमोहक है. मां बैल की सवारी करती हैं. मां के चार हाथ है. एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, तीसरा अक्षय मुद्रा और चौथा हाथ शांत मुद्रा में है. मां का रूप गोरा होने के साथ-साथ वस्त्र,आभूषण हर एक चीज श्वेत यानी सफेद रंग की है.
इस कारण उन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है. मां महागौरी की पूजा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. इनकी उपासना से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं, उपासक सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है. उसके पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं और भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं रहते. धन-धन्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस दिन क्या करें और किन कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन करें. कन्या पूजन करें, कन्याओं को भोजन कराकर, दक्षिणा देकर प्रणाम करें. मां महागौरी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. माना जाता है कि इस दिन महागौरी देवी की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है.