हमारी लापरवाही ने हमें दुनिया में नंबर वन बना दिया। अच्छा होता हम अपनी अर्थव्यवस्था और खुशहाली आदि क्षेत्रों में अपना नाम विश्व पटल पर रोशन करते । लेकिन जिस क्षेत्र में हम नंबर वन हुए हैं उसकी कदापि प्रशंसा नहीं की जा सकती है। बल्कि शर्मिंदगी महसूस होनी चाहिए ।
वह इसलिए कि हम अपने देश के प्रति इतने लापरवाह क्यों होते जा रहे हैं? कहने तो भारत दुनिया का सबसे युवा देश माना जाता है। लेकिन हमारी जिम्मेदारी क्या बनती है, यह भी हमें नहीं भूलना चाहिए । पिछले वर्ष साल 2020 से भी हमने सबक नहीं लिया । ऐसा नहीं है कि हमें जिंदगी ने संभलने का मौका नहीं दिया हो । बात करेंगे कोरोना वायरस को लेकर ।
ठीक एक साल पहले पूरे देश ने सड़कों से लेकर अस्पतालों और घरों तक तबाही का मंजर भी देखा है । लेकिन वो खौफनाक बर्बादी लोग क्यों भूल गए? आज एक बार फिर हमारा देश इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गया है । यही नहीं एक दिन में सबसे अधिक मिलने वाले संक्रमित मरीजों पर नंबर एक पायदान पर पहुंच गए ।
सोमवार को जारी आंकड़े के हिसाब से यह है स्थिति, देश में एक दिन में कोरोना के एक लाख तीन हजार से ज्यादा नए मरीज मिले हैं । चौबीस घंटे में चार सौ अठहत्तर लोगों की मौत। अब तक देश में कुल एक करोड़ पच्चीस लाख मरीज हो चुके हैं जबकि अब तक एक लाख पैंसठ हजार लोगों की मौत हो चुकी है। देश में एक्टिव केस की संख्या सात लाख इकतालीस हजार से ज्यादा है।
यह एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यहां हम आपको बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को 97,860 नए मरीज मिले थे। यूं तो पूरे देश में यह महामारी भयावह हो चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र में बिल्कुल बेकाबू है। यहां नए संक्रमितों का आंकड़ा हर दिन नए रिकॉर्ड को छू रहा है।
रविवार को राज्य में 57,074 केस आए। इसकी तुलना भारत को छोड़कर दूसरे देशों में रविवार को मिले नए संक्रमितों से करें तो सिर्फ फ्रांस (60,922) ही आगे रहा। अभी भी मौका है इस महामारी के प्रति लापरवाही न करें । कोविड-19 से बचाव के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है।
घर से बाहर निकलते समय सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और एक दूसरे से कुछ दूरी पर ही बात करें । यह इतना कठिन नहीं है जिसे आप न कर सके, क्योंकि आपकी लापरवाही से अन्य लोग भी प्रभावित होते हैं, तो आइए एक बार फिर संकल्प ले इस महामारी को हराकर ही दम लेंगे ।