कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी सियासत को ‘बारीकी’ से देख लिया है ।
बंगाल चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने जिस स्टाइल में पीएम मोदी के सभी आरोपों का डटकर मुकाबला किया उससे कांग्रेस के ये विद्रोही नेता खुश नजर आ रहे हैं। राज्य के चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के बाद कांग्रेस नेता टीएमसी प्रमुख की ‘तारीफ’ कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी ने तीसरी बार शपथ लेने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने टीएमसी सुप्रीमो को ‘पूरब की शेरनी’ बताया है।
आजाद ने ट्वीट करते हुए कहा कि ममता के लिए लड़ाई और सभी बाधाओं के बावजूद भारी जीत के लिए मेरी हार्दिक बधाई। ऐसे ही पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ममता बनर्जी को झांसी की रानी (अंग्रेजों से लड़ने वाली रानी) भी कहा।
आनंद शर्मा ने भी ममता बनर्जी को बंगाल में बीजेपी को हराने के लिए बधाई भी दी है। एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि ममता दीदी की जीत राहत और सुकून देने वाली है। यहां हम आपको बता दें कि कपिल सिब्बल कांग्रेस में विद्रोही ग्रुप जी-23 गुट का हिस्सा रहे हैं।
इस ग्रुप ने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक सुधार लाने की मांग की थी। सिब्बल के साथ गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और राज बब्बर समेत आदि नेताओं ने गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे । सही मायने में ये कांग्रेस से नाराज नेता केंद्र की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले एक सशक्त नेता वह तलाश कर रहे हैं।
अब इन्हें राहुल गांधी में ‘काबिलियत’ नहीं दिखाई दे रही है। इसलिए ममता बनर्जी को अब यह कांग्रेस के विद्रोही नेता मोदी के मुकाबले खड़ा करना चाहते हैं । लेकिन अभी सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं।