जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर लगातार दूसरे दिन भी भारी हंगामा हुआ। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस अधिनियम का कड़ा विरोध करते हुए इसे भारतीय मुसलमानों के अधिकारों, विश्वासों और गरिमा पर सीधा हमला बताया।
विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी, यह कहते हुए कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके विरोध में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के विधायकों ने सदन में जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे कार्यवाही बाधित हुई और सदन को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान, एनसी के विधायकों हिलाल लोन और सलमान सागर ने वक्फ अधिनियम की प्रतियां फाड़ दीं, जबकि अब्दुल मजीद लारमी ने विरोध स्वरूप अपनी जैकेट फेंक दी। इससे सदन में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
पीडीपी नेता वहीद पारा ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर सरकार इस अधिनियम के माध्यम से केंद्र सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, जो राज्य की जनता के विश्वास के साथ धोखा है। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम जम्मू-कश्मीर में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है, जिस पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीव्र मतभेद हैं।