भले ही हम बंगाल की सत्ता में नहीं आ सके लेकिन राज्य में होने वाली सभी हलचल और घटनाओं में साथ-साथ आगे बढ़ेंगे । आज से आपकी पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक सरकार चलेगी तो हम भी इस राज्य की ‘अस्मिता’ को बचाने के लिए हर समय डटे रहेंगे। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बंगाल की जनता को जैसे यही ‘संदेश’ दे रहे थे ।
दूसरी ओर आज ‘दीदी के राजतिलक’ पर कोलकाता से राजधानी दिल्ली तक भाजपा हाईकमान की निगाहें लगी रही । कुछ दिनों पहले तक इस ‘शुभ घड़ी’ के लिए भाजपा तैयारी कर रही थी । खैर, राज्य में भाजपा अब विपक्ष की भूमिका में है । अब बात को आगे बढ़ाते हैं । चुनावी जीत के साथ ही पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पूरे देश भर में सुर्खियों में है । कहीं आगजनी हो रही है तो लूट और हत्याएं जारी हैं। कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं को टीएमसी निशाना बना रही है। ऐसे में टीएमसी सरकार के लिए ये बहुत ही चुनौती पूर्ण स्थिति है कि वो इसी घटनाओं पर कैसे लगाम लगाती हैं और राज्य में शांति का माहौल कायम करती हैं। बंगाल में जारी अराजकता को लेकर ममता को घेरने में लगे हुए हैं । आज दोपहर जब 10:45 पर कोलकाता के राजभवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने के लिए जब शपथ ले रही थी उससे कुछ दूर ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ‘नफरत की राजनीति के खिलाफ शपथ’ ली।
बता दें कि बंगाल विधानसभा में जीत हासिल करने वाले भाजपा विधायकों को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोलकाता स्थित दफ्तर में शपथ दिलाई। नड्डा ने कहा कि हम विपक्ष की भूमिका का जिम्मेदारी से निर्वहन करेंगे, भाजपा देशभर में ममता सरकार का विरोध भी करेगी। पार्टी का आरोप है कि चुनाव के बाद तृणमूल राजनीतिक हिंसा पर उतारू हो चुकी है।
भाजपा अध्यक्ष ‘नड्डा ने आगे कहा कि ऐसे लोग शपथ लें, प्रजातंत्र में सबको शपथ लेने का अधिकार है लेकिन हम भी शपथ लेते हैं कि पश्चिम बंगाल की धरती से राजनीतिक हिंसा खत्म करेंगे’।
उन्होंनेे कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल को विकास की मुख्यधारा में लाने के संकल्प को हम आगे बढ़ाएंगे। विकास की एक नई कहानी हम एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
ममता की शपथ समारोह के दौरान ही राज्यपाल धनखड़ नसीहत देना भी नहीं भूले–
ममता बनर्जी को राज्यपाल जगदीप धनखड़ जब शपथ दिला रहे थे तो उनका ध्यान मुख्यमंत्री को नसीहत देने में ज्यादा लगा रहा । बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के राज्यपाल से बात कर हिंसा पर अपनी चिंता जताई थी ।
उसके बाद राज्यपाल धनखड़ एक्टिव मूड में आ गए हैं । आज शपथ समारोह के दौरान राज्यपाल धनखड़ ने ममता से कहा कि ‘आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा, हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है, उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगी। लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं है’।
राज्यपाल ने कहा कि उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगी।राज्यपाल की नसीहत के बाद ‘ममता ने भी कहा कि अभी तक पूरे राज्य की जिम्मेदारी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास थी, अब वे हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों में शांति की अपील करती हैं’।
ममता बनर्जी सरकार और केंद्र के साथ कुछ वर्षों से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। बता दें कि ममता बनर्जी और केंद्र सरकार में आरोप-प्रत्यारोप शुरू से ही जारी रहा है। ममता कई बार आरोप लगा चुकी हैं कि केंद्र सरकार का रवैया पश्चिम बंगाल को लेकर भेदभाव वाला है।
पिछले दिनों बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर भी ‘ममता ने कहा था कि वो मुफ्त में लोगों का वैक्सीनेशन करना चाहती हैं लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं करने दे रही’ । वैक्सीन की कीमत को लेकर भी ममता सवाल उठा चुकी हैं ।
कई योजनाओं को लेकर ममता केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहती हैं। केंद्र सरकार भी कई बार ये आरोप लगा चुकी है कि ममता बनर्जी जरूरी बैठकों में अनुपस्थित रहती हैं। ऐसे में कोरोना की बेकाबू हो रही स्थिति को देखते हुए ममता बनर्जी को केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा और इस कोरोना महामारी संकटकाल स्थिति से बाहर निकलना होगा।
मुख्यमंत्री इस स्थिति में कैसे सरकार के साथ रिश्ते सुधारती हैं, ये बड़ी चुनौती है। यहां हम आपको बता दें कि आज केवल ममता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है । 6 मई, गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक शपथ ले सकते हैं ।