युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपने तलाक की प्रक्रिया को तेज करने की अपील की। दोनों ने फरवरी 2025 में आपसी सहमति से तलाक की याचिका दायर की थी। हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत, तलाक से पहले छह महीने की ‘कूलिंग-ऑफ’ अवधि अनिवार्य होती है, ताकि सुलह की संभावनाएं तलाश की जा सकें। हालांकि, चहल और धनश्री ने कोर्ट से यह अवधि माफ करने का अनुरोध किया था, जिससे उनकी तलाक प्रक्रिया जल्दी पूरी हो सके।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए फैमिली कोर्ट को आदेश दिया कि वह इस मामले का निपटारा 20 मार्च तक कर दे, क्योंकि चहल 21 मार्च से आईपीएल में व्यस्त हो जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि चहल ने धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने पर सहमति जताई है, जिसमें से 2.37 करोड़ रुपये पहले ही चुकाए जा चुके हैं।
कोर्ट ने इस मामले में किसी भी बाधा को दूर करते हुए तलाक की प्रक्रिया को तेज करने का आदेश दिया, ताकि दोनों अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें।