उत्तराखंड: धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में आज एक अहम फ़ैसला लिया गया है। हालांकि नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट किए जाने के मुद्दे पर काफी समय से सरकार कार्य कर रही थी। हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने की कवायद के चलते कई बार एसोसिएशन के अलग-अलग सुर सामने आते रहे है।
परन्तु इस बार हल्द्वानी एसोसिएशन ने नैनीताल से हाईकोर्ट गौलापार हल्द्वानी शिफ्ट करने पर पूरा समर्थन किया है। बता दे कि इस बार एसोसिएशन ने कहा है कि हल्द्वानी में हाईकोर्ट के शिफ्ट होने से वादियों को सुलभ न्याय उपलब्ध हो पाएगा। हालांकि इस चर्चा को देखते हुए धामी सरकार द्वारा आज कैबिनेट बैठक में 22 बिंदुओं पर मुहर लगायी गयी। जिसमें हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने के मुद्दे पर भी मुहर लगी है।
बता दे कि हल्द्वानी एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों के चलते उन्हें नैनीताल जाते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं पर्यटन और बरसात के सीजन में तो मार्ग बाधित होने की वजह से कई तरह की दिक्कतें होती हैं।
यदि हाईकोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट होता है तो यहां वादियों के लिए सभी प्रकार की सुलभ व्यवस्थाएं हैं। इसी के साथ बागेश्वर और पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर समर्थन दिया था। हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्षों ने कहा की वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किया जाना चाहिए।
हालांकि उच्च न्यायालय को शिफ्ट किए जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह नैनीताल की भगौलिक स्थिति है। यहां पहाड़ी दरकने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी में स्थानांतरित करने की कोशिश चल रही थी।
बता दे कि हल्द्वानी उपाध्यक्ष प्रकाश जोशी के मुताबिक यह वकीलों का मामला नहीं है।
बल्कि यह तो शासन का निर्णय है। नैनीताल हाईकोर्ट में काम करने वाले स्टाफ और वकील हल्द्वानी से आवाजाही करते हैं। जिस कारण परिवहन से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी निश्चित है। उच्च न्यायालय कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड भी होता है। उसे अगले 30 साल तक हर दस्तावेज को संभालकर रखना होता है।