उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों ने एक बड़ा ऐलान किया है. तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को लेकर पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम दौरे का विरोध करेंगे. पुरोहितों ने आरोप लगाया है कि देवस्थानम बोर्ड की उच्च स्तरीय समिति में तीर्थ पुरोहितों की जगह बीजेपी से जुड़ेलोगों को जगह दी गई है. विरोध बढ़ता देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता सोमवार शाम दिल्ली रवाना हो गए हैं. दिल्ली में देर रात सीएम धामी और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत शीर्ष नेतृत्व के अन्य नेताओं के साथ बैठक होनी है. माना जा रहा है केदारनाथ दौरे से पहले ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि अब विरोध जारी रहेगा. जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं हो जाता, विरोध प्रदर्शन नहीं रुकेंगे. सरकार को अब पहले देवस्थानम बोर्ड भंग करने का आदेश करना होगा, उसी के बाद आंदोलन समाप्त होंगे. इससे पहले तीर्थ पुरोहित आंदोलन शांत नहीं बैठेंगे.
अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि जब तीर्थ पुंरोहित दो टूक कह चुके हैं कि देवस्थानम बोर्ड को स्वीकार नहीं किया जाएगा तो सरकार क्यों उच्च स्तरीय समिति बना कर समय व्यर्थ कर रही है. इस समिति पर तीर्थ पुरोहितों को किसी प्रकार का विश्वास नहीं है.