टिहरी के लाल देव रतूड़ी ने देश के साथ ही चीन में भी अपने हुनर का डंका बजाया है। बता दे देव विदेशी धरती पर आठ इंडियन रेस्टोरेंट के मालिक तो हैं ही, साथ ही उन्होंने चाइनीज फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। आज वह चीनी फिल्म इंडस्ट्री का चर्चित चेहरा हैं। विशेष यह कि देव की संघर्ष गाथा को प्रेरक कहानी के रूप में चीन के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बच्चे उनके जीवन पर आधारित कहानी को स्कूली किताब में पढ़ रहे हैं।
इन दिनों देव उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव केमरया सौड़ आए हुए हैं। टिहरी जिले के भिलंगना ब्लाक की पट्टी केमर के ग्राम केमरया सौड़ में जन्मे 47-वर्षीय देव रतूड़ी की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1998 में देव रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए। मन में एक्टर बनने की चाह थी, इसलिए सबसे पहले उन्होंने वहां मार्शल आर्ट सीखी। कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद फिर उन्होंने मुंबई की राह पकड़ ली।
रतूड़ी देव रतूड़ी ने वर्ष 2013 में चीन में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोला था। वर्तमान में वह आठ रेस्टोरेंट के मालिक हैं, जिनमें 50 से अधिक उत्तराखंडियों को रोजगार भी मिल रहा है। वर्तमान में देव की पहचान चीन के उद्योगपतियों में होती है, जो टिहरी जिले के साथ ही उत्तराखंड एवं देश के लिए गौरव की बात है।
देव बताते हैं कि वह भारतीय और उत्तराखंडी तीज-त्योहारों को अपने सभी इंडियन रेस्टोरेंट में धूमधाम के साथ मनाते हैं। साथ ही भारतीय वेशभूषा को संजोये रखने के लिए वह अपने सभी रेस्टोरेंट में उसका प्रदर्शन करते हैं और चीनी लोग भी इसे खूब पसंद करते हैं।