हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेला से आने वाले दिल्ली के लोगों को वापस लौटने पर कोरोना वायरस जांच (COVID-19) के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने और अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करने की सलाह दी गई है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक एडवाइजरी में भीड़भाड़ में जा रहे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और अधिकारियों द्वारा जारी किए गए COVID-19 से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है। बताया गया है कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले मेला बड़ी संख्या में दिल्ली के तीर्थयात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है।
एडवाइजरी के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं से हरिद्वार में कुंभ मेले की यात्रा के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है।
दिल्ली के श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कुंभ मेले के दौरान COVID-19 महामारी के प्रबंधन के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का सख्ती से पालन करने के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का भी पालन करने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में कहा गया है कि कुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लाना होगा, जो कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है।
इसमें कहा गया है कि तीर्थयात्रियों को अनिवार्य रूप से COVID-19 निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट भी लानी होगी, जो कि मेला में प्रवेश के समय यात्रा की तारीख से 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला से आने वाले सभी लोगों को वापस लौटने पर कोरोना वायरस जांच (COVID-19) के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने और अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करने की सलाह दी गई है।
सभी विजिटर्स को अपनी यात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए और एसओपी के अनुसार हर समय आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड और उपयोग करना होगा।
65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, हाइपरटेंशन और किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों को कुंभ मेला में न जाने की सलाह दी गई है।
इसके साथ ही सभी तीर्थयात्रियों को अन्य सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि फेस मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग के तहत एक दूसरे के साथ छह फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखना शामिल है।