गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान आईटीओ पर मारे गए बिलासपुर के नवरीत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। आईटीओ पर पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते समय नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था। परिवार वाले पुलिस की गोली से मौत को कारण बता रहे हैं।
रामपुर जनपद की उत्तराखंड सीमा से सटी कालोनी डिबडिबा निवासी नवरीत सिंह पांच दिन पहले किसान आंदोलन में गाजीपुर बार्डर गया था। वह किसान परेड में मंगलवार को शामिल हुआ। पिता साहब सिंह के अनुसार सुबह उससे जब बात हुई थी तो नवरीत ने बताया था कि वह अपने दोस्त का ट्रैक्टर चला रहा है और आंदोलन में शामिल है।
इसके कुछ देर बाद पता चला कि दिल्ली पुलिस ने उनके बेटे को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। देर रात युवक का शव रामपुर जिला अस्पताल लाया गया। यहां कड़ी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम कराया गया। जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात नहीं है।
मौत की वजह सिर में चोट लगना बताया गया है। पोस्टमार्टम के बाद नवरीत का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में स्थिति सामान्य है। पुलिस प्रशासन अलर्ट है।
स्टडी वीजा पर आस्ट्रेलिया गया था नवरीत
नवरीत सिंह पांच साल पहले स्टडी वीजा पर आस्ट्रेलिया गया था। पिता साहब सिंह के अनुसार बिलासपुर क्षेत्र के ही मार्टखेड़ा निवासी लड़की भी वहां स्टडी वीजा पर वहां गई थी। वहां दोनों ने शादी कर ली थी और वहां के एक होटल में नौकरी करने लगे थे।
आस्ट्रेलिया ने लगाया था तीन साल का प्रतिबंध
नवरीत के पिता साहब सिंह ने बताया कि उनके पास करीब दस एकड़ भूमि है। नवरीत इसी पर खेती करता था। साथ में दूसरे काश्तकारों की भी जमीन ठेके पर लेकर फसल बोता था। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया में स्टडी वीजा पर होने के बाद भी होटल में नौकरी करते पकड़े जाने पर नवरीत को दो साल पहले आस्ट्रेलिया प्रशासन ने भारत भेज दिया था। साथ ही आस्ट्रेलिया में सरकार ने उस पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद ही वह गांव लौट आया और खेती करने लगा था।