देहरादून के राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जीवनगढ़, विकासनगर स्थित कालिंदी हास्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की संबद्धता निरस्त कर दी है। बता दे कि अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना से असंबद्ध कर दिया गया है।
हालांकि इसके अलावा विधिक कार्रवाई अलग से अमल में लाई जाएगी। अस्पताल पर एक करोड़ 20 लाख की देनदारी बनती है। जिनमें 60 लाख रुपये के क्लेम निरस्त किए गए हैं, जबकि 60 लाख रुपये की उससे वसूली होगी।
बता दे कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अस्पताल के 243 क्लेम आडिट में गड़बड़ी पकड़ी थी। अस्पताल ने क्लेम के दस्तावेज में जिस चिकित्सक के नाम व हस्ताक्षर दर्शाए हैं, वह न अस्पताल में कार्यरत और न कभी यहां मरीजों का उपचार किया।
इसी के साथ खुद चिकित्सक ने लिखित रूप में इसकी पुष्टि की। जिस पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अस्पताल की सूचीबद्धता निलंबित कर, कारण बताओ नोटिस भेजा था।
बता दे कि अस्पताल की ओर से दिए गए उत्तर को प्राधिकरण ने असंतोषजनक माना है। जिस पर अस्पताल की सूचीबद्धता निरस्त कर दी गई है।
अस्पताल ने अपना पक्ष रखते कहा कि उक्त चिकित्सक डा. एचएस रावत पिछले 6-7 साल से अस्पताल में सर्जरी के लिए आते रहे हैं। उक्त मामलों में भी इलाज उन्हीं ने किया।
हालांकि इन मामलों में उन्होंने जल्दी में होने की बात कहकर किसी दिन फुर्सत में हस्ताक्षर करने को कहा था। कुछ मामलों में हस्ताक्षर छोडने का कारण आयकर से बचने के लिए या प्रोफेशनल प्रतिस्पर्धा हो सकता है।