ज्योतिष

पर्वों के महाउत्सव में कोरोना महासंकट पर विजय पाने की देशवासियों की ‘मनोकामना’

Uttarakhand Samachar

आज भारतवासी पर्वों के महाउत्सव की आस्था में रंगे हुए हैं। भले ही मौजूदा समय में देश कोरोना महामारी के महासंकटों मेंं घिरा हुआ है । ऐसे समय में ये त्योहारों के महाउत्सव का एक दिन में ही श्री गणेश होना, इस महामारी पर विजय पाने का उल्लास जगाएगा।

इस पर्व पर आज देशवासी पवित्र स्थानों और मंदिरों में देश को जल्द ही संकटों से दूर करने के लिए मनोकामना रहे हैं । देश के करोड़ों लोग धर्म और आस्था में सराबोर हैं। आइए आपको बताते हैं इन त्योहारों के बारे में । हिंदू नव संवत्सर, चैत्र नवरात्रि बैसाखी और गुड़ी पड़वा पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है ।

पहले बात करेंगे हिंदू नववर्ष 2021 की । नव संवत्सर विक्रम संवत 2078 आज से शुरू हो चुका है । इस संवत्सर का नाम संबोधन ‘राक्षस’ है। इस बार ग्रहों के मंत्रिमंडल में मंगल को नववर्ष का राजा और मंत्री दोनों नियुक्‍त किया गया है।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है और जो कि हम सभी की कुंडली में साहस, निर्भीकता और भय का कारक होता है। बता दें कि विक्रम संवत् 2078 का राजा मंगल होने से संवत् का वाहन वृष होगा। इसलिए माना जा रहा है कि इस साल वर्षा के अच्‍छी होने की संभावना है। भारतीय कालगणना में विक्रम संवत पंचांग को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है।

विक्रम संवत पंचाग के अनुसार ही विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश इत्यादि शुभ कार्यों के शुभ मुहूर्त तय किए जाते हैं। नव संवत्सर आरंभ का यह माह इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसी माह धर्मराज युधिष्ठिर का राज्यभिषेक हुआ था। भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ।

साथ ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का निर्माण भी किया था । चैत्र नवरात्रों की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। पिछली बार की तरह इस बार भी नव संवत्‍सर का आरंभ ऐसे वक्‍त में होगा जब कोरोना महामारी एक बार फिर से अपना पांव फैला रहा है। अब बात करेंगे चैत्र नवरात्रि की ।

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