सर्दियों में कोविड-19 और फ्लू इंफेक्शन (Covid-19 and flu infection) का कॉम्बिनेशन इंसान के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
फ्लू और कोविड-19 के लक्षण (Covid-19 Symptoms) देखकर इनमें फर्क ढूंढ पाना बहुत ही मुश्किल काम है.
दोनों बीमारियों के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं. सिर्फ टेस्ट के जरिए ही ये बताना संभव है कि वास्तव में इंसान किस बीमारी का शिकार है.
कोविड-19 और फ्लू (Coronavirus and flu) दोनों में ही बदन दर्द, गले में दर्द, बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ, थकावट और सिरदर्द जैसे तमाम लक्षण देखने को मिलते हैं.
हालांकि, वैज्ञानिक दावा करते हैं कि सिर्फ दो लक्षण देखकर आप कोविड-19 और फ्लू के बीच फर्क को पहचान सकते हैं.
पहला अंतर
डॉक्टर्स कहते हैं कि आमतौर पर फ्लू इंफेक्शन में व्यक्ति एक सप्ताह के भीतर बीमार दिखने लगता है.
जबकि कोविड-19 में दो से तीन सप्ताह या इससे ज्यादा समय के लिए भी बीमार पड़ सकते हैं.
दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां तीन हफ्ते बीतने के बाद भी लोग रिकवर नहीं हो पाए हैं.
दूसरा अंतर
आपने देखा या सुना होगा कि कोविड-19 से संक्रमित होने पर व्यक्ति सूंघने और स्वाद की पहचान करने की शक्ति खो बैठता है.
जबकि फ्लू होने पर ऐसा कभी नहीं होता है. हालांकि कोरोना से संक्रमित सभी मरीजों में ऐसे लक्षण नहीं देखने को मिले हैं.
कोविड-19 या फ्लू किसका टेस्ट पहले करवाएं?
बॉस्टन के हार्वर्ड मेडिकल हॉस्पिटल और स्कूल के डॉ. डेनियल सोलोमॉन कहते हैं कि ऐसा भी संभव हो सकता है कि व्यक्ति एक ही समय में दोनों बीमारियों की चपेट में आ जाए.
ऐसे में आपको एक की बजाय दोनों बीमारियों के टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं.
अगर आप एक ही टेस्ट करवाने की सोच रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके इलाके में कौन से वायरस का खतरा ज्यादा फैल रहा है.
‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ (PHE) की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 और फ्लू का इंफेक्शन एकसाथ होने पर इंसान की मौत का खतरा लगभग डबल (Coronavirus death risk) हो जाता है.
PHE की रिपोर्ट कहती है कि 20 जनवरी से 25 अप्रैल के बीच देश में 20,000 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जहां मरीज फ्लू और कोविड-19 दोनों से संक्रमित पाए गए थे.
इनमें से ज्यादातर मरीजों की हालत काफी गंभीर थी. इंफेक्शन के इस कॉम्बिनेशन से यहां 43% लोगों की मौत हुई थी.
डॉ. सोलोमॉन कहते हैं कि इंफ्लूएंजा का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन अभी तक नहीं देखा गया है, इसलिए फ्लू की बड़े पैमाने पर टेस्टिंग नहीं की जा रही है.
फ्लू और कोविड-19 दोनों ही मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलते हैं.
दोनों ही इंसान को बीमार करने से पहले ही संक्रमित कर देते हैं.
फ्लू का इंफेक्शन होने पर इंसान एक से चार दिनों के भीतर बीमार पड़ने लगता है. जबकि कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने में 2 से 14 दिनों तक का समय लग सकता है.
फ्लू का इलाज वायरस की नस्ल के अनुरूप होता है. जबकि कोरोना वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. दुनियाभर में कई वैक्सीन पर ट्रायल जारी है.