तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की जगह तांबे की परत चढ़ाने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग उठाई है। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। बता दे त्रिवेदी कह रहे हैं कि मामले में डेढ़ अरब का घोटाला हुआ है। इसकी जांच न होने पर वह आंदोलन करेंगे। वहीं, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह का कहना है कि वीडियो के माध्यम से प्रसारित जानकारी भ्रामक और जनभावनाओं को आहत करने वाली है।
लिहाजा, इसे लेकर विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गर्भगृह की दीवारों व जलेरी को स्वर्णमंडित करवाने का कार्य बीते वर्ष एक दानी के सौजन्य से संपादित हुआ। वही केदारनाथ धाम स्थित भगवान ईशानेश्वर के नवर्निमित मंदिर में चल रहा तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। इसी के साथ बाबा केदार की पूजा-अर्चना से पहले उनके आराध्य भगवान ईशानेश्वर की पूजा-अर्चना व भोग लगाने की परंपरा भी पुनर्स्थापित हो गई।
प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और श्री केदार सभा की ओर से आयोजित प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के अंतिम दिन गुरुवार को शिवलिंग समेत अन्य देव प्रतिमाओं को शुद्धीकरण व तिलक के बाद ईशानेश्वर मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया। इस मंदिर का पुनर्निर्माण मुंबई के एक दानी मनोज सोलंकी ने डेढ़ करोड़ की लागत से कराया है।
इससे पूर्व मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से संकल्प लिया। विदित हो कि वर्ष 2013 की आपदा में पुराना मंदिर सैलाब की भेंट चढ़ गया था। तब से खुले आसमान के नीचे भगवान ईशानेश्वर की पूजा हो रही थी।