ऐसा लग रहा है कि बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लड़ ही नहीं रही थी। इस राज्य को लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं, खासतौर पर गांधी परिवार पूरी तरह ‘मौन’ भूमिका में बना रहा । पश्चिम बंगाल में प्रचार को लेकर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं का अभी तक न बयान न तैयारी न कोई चुनावी रैली ।
सही मायने में कांग्रेस ने इस राज्य के विधानसभा चुनाव को वहीं के पार्टी नेताओं पर छोड़ दिया गया । जबकि इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बंगाल पूरे देश भर में सबसे ज्यादा ‘सुर्खियों’ में बना हुआ है । इसका कारण है कि भाजपा ने बंगाल जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है ।
पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सत्ता के इस महासंग्राम में घमासान मचा हुआ है । लेकिन कांग्रेस अभी तक भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी लड़ाई में अपने आप को अलग करती हुई नजर आई है ।
जबकि ‘कांग्रेस ने अपने 30 स्टार प्रचारकों की बंगाल में प्रचार करने के लिए सूची भी जारी की थी, लेकिन अभी तक यह सभी बंगाल के मैदान में नहीं उतर सके हैं’ । ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि गांधी परिवार चुनाव प्रचार के लिए नहीं उतरा? अब जबकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा के आधे चार चरण के चुनाव समाप्त हो गए हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी को अब इस राज्य में प्रचार करने की याद आई है ।
अभी तक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी असाम, केरल, तमिलनाडु पर ही ध्यान केंद्रित किए हुए थे । बंगाल में रैली करनेेेे के लिए कांग्रेस के कोई बड़े नेताओं के न पहुंचने से राज्य पार्टी के प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं और नेताओं में इसको लेकर भारी नाराजगी भी सामने आई है ।
अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बंगाल में चुनाव की कमान संभालेंगे । 14 अप्रैल गुरुवार को राहुल गांधी रैली करने के लिए पहुंच रहे हैं । राहुल यहां कई चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे ।
यहां हम आपको बता दें कि राज्य के कुछ कांग्रेसी नेता, जो राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा के केरल, असम और तमिलनाडु पर ध्यान केंद्रित करने के बाद खुश नहीं थे, उन्हें अब राहत मिली है। राहुल गांधी के बंगाल में देर से प्रचार करने के लिए पार्टी का कहना है कि बंगाल में अधिकांश विधानसभा सीटें जहां सेेे कांग्रेस लड़ रही है वे आखिरी के चरण में आती हैं और राहुल का अब होने वाला दौरा बिल्कुल सही समय पर है।
बता दें कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव में दो जिलों (मुर्शिदाबाद और मालदा) की 44 सीटों में से आधे पर जीत दर्ज की थी, जबकि इन दोनों जिलों में आखिरी चरण में मतदान होगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार