कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय होता जा रहा है. अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना, क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग समेत कई सेलेब्रिटी के बयान पर अब विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की है. भारत की ओर से कहा गया है कि लोकतंत्र में प्रदर्शन का हक है और किसानों का एक छोटा समूह ही प्रदर्शन कर रहा है. ऐसे में बाहरी लोगों को अपना एजेंडा नहीं चलाना चाहिए.
विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार को एक बयान जारी किया गया. भारत ने कहा कि ये देखकर दुख हुआ कि कुछ संगठन और लोग अपना एजेंडा थोपने के लिए इस तरह का बयान जारी कर रहे हैं. किसी भी तरह का कमेंट करने से पहले तथ्यों और परिस्थितियों की जांच करना जरूरी है.
भारत ने अपने बयान में कहा कि देश की संसद ने एक लंबी बहस के बाद सभी के समर्थन से नए कानूनों को पास किया है, कुछ ही किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार की ओर से उनके साथ वार्ता का दौर भी लगातार चलाया जा रहा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के आंदोलन में कुछ लोग अपना एजेंडा थोपने में लगे हैं, जिसके कारण गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा भी हुई और इसके अलावा दुनिया के कुछ हिस्सों में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया. ऐसे में अभी जो आंदोलन हो रहे हैं, उन्हें भारत के आंतरिक मसला माना जाना चाहिए.
गौरतलब है कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना, एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, मॉडल अमांडा सेर्नी, मिया खलीफा समेत कई इंटरनेशनल सेलेब्रिटी ने बीते दिन से अबतक किसान आंदोलन पर कमेंट किया है और अपना समर्थन जताया है.