मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ प्रभावित जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों की अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बता दे कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है, जिसकी अनुमानित जनसंख्या 25000 है।
हालांकि पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 हैं। उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें मिल चुकी हैं। अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरंतर बढ़ रहे हैं।
बता दे कि आज गुरुवार को हो रही इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में जोशीमठ में भू धंसाव से उत्पन्न हालात की विस्तृत जानकारी दी थी। और उनसे आपदा राहत के रूप में केंद्रीय सहायता देने का अनुरोध किया। शाह ने प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन दिया।
इसी के साथ जोशीमठ में तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, प्री फेब्रीकेटेड ट्रांजिट शेल्टर, स्थायी पुनर्वास, नए स्थानों का विकास, आवास निर्माण, मूल सुविधाएं, मसलन स्कूल, कॉलेज, ड्रेनेज, सीवरेज, जोशीमठ का पुनर्निर्माण, विस्तृतक तकनीकी जांच, भूस्खलन की रोकथाम, संपूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाइन की व्यवस्था सभी घरों को सीवर लाइन जोड़ने के कार्य होने हैं।
इन सभी सुविधाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री सहायता का अनुरोध किया। साथ ही बैठक में निम्न मुद्दों पर चर्चा की गई जैसे।
दरारें बढ़ने पर नृसिंह मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के आयोजन/गतिविधि पर लगी रोक।
लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर गरजी जेसीबी। प्रशासन की टीम कर रही ध्वस्तीकरण की निगरानी
जीएमवीएन का गेस्ट हाउस टूटा तो कहां रहेंगे वैज्ञानिक और प्रशासनिक अफसर। प्रशासन क्या कर रहा वैकल्पिक इंतजाम।
मुख्यमंत्री जोशीमठ देहरादून में भू धंसाव पर बैठक ली।अभी तक की कार्रवाई का ब्योरा लेकर राहत के इंतजाम बढ़ाने पर हुई बात।
भगवान बदरीनाथ के खजाने को पीपलकोटी शिफ्ट करने में लगेगा समय। प्रबंधन पीपलकोटी में पहले पुख्ता करेगा सुरक्षा व्यवस्था।