छत्तीसगढ़ में हमले के बाद नक्सली जम्मू निवासी सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को अगवा कर ले गए हैं। नक्सलियों की कैद में सीआरपीएफ का जवान राकेश्वर सिंह मन्हास जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। परिवार सदमे हैं। नक्सलियों के कब्जे में राकेश्वर के होने की सूचना मिलते ही उनके आवास पर शुभचिंतकों का जमावड़ा लग गया। सुरक्षा बलों के साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं तथा रिश्तेदारों व आस-पड़ोस के लोगों ने पहुंचकर सांत्वना दी।
राकेश्वर की मां, बहन और पत्नी भगवान से यही दुआ कर रहे हैं कि वह सकुशल घर लौट आएं। उनकी पत्नी मीनू चिब का कहना है कि शनिवार 3अप्रैल को अंतिम बार पति से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि वह एक ऑपरेशन पर जा रहा हैं और अपने साथ खाना पैक कर लिया है। लौटकर फोन करेंगे, लेकिन पिछले तीन दिन से उनका फोन रिसीव नहीं हो पा रहा। रिंग जाती है, लेकिन कोई नहीं उठाता।
राकेश्वर की मां और बहन का कहना है कि चार दिन से उनकी बात नहीं हुई। राकेश्वर की एक छोटी बेटी भी है। पूरा परिवार हर पल नम आखों से बस एक ही दुआ कर रहा है कि वह किसी भी तरह सकुशल घर लौटकर आए। परिवार ने उप-राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि राकेश्वर को किसी भी कीमत पर जिंदा वापस लाया जाए।
बता दें, नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 20 से अधिक जवान शहीद हुए हैं। राकेश्वर को नक्सली अगवा कर ले गए हैं। केंद्र सरकार उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रही है। मूलरूप से ज्यौड़ियां के राकेश्वर का परिवार इस समय बरनाई इलाके में रह रहा है।
वीडियो कॉल से हमारी बात करवा दें
राकेश्वर सिंह का परिवार सरकार से एक ही अपील कर रहा है कि उनकी वीडियो कॉल के माध्यम से राकेश्वर बात करवाएं, ताकि उनको तसल्ली हो जाए कि वह सुरक्षित हैं।
सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ दे, कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे
छत्तीसगढ़ में तैनात सीआरपीएफ के एक सूत्र ने बताया कि नक्सली राकेश्वर को बार-बार एक ही बात बोल रहे हैं कि वह सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ दे। उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। नक्सलियों ने अपना एक संदेश भी जारी किया है कि वह राकेश्वर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।