चंद्रयान-3 दोपहर ढाई बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।
बता दे चंद्रयान-3 में गोदरेज एयरोस्पेस का भी महत्वपूर्ण योगदान है। चंद्रयान-3 को ले जाने वाले रॉकेट के दूसरे चरण के दो इंजन गोदरेज एयरोस्पेस ने बनाए हैं। गोदरेज एयरोस्पेस के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट और बिजनेस हेड मानेक बहरामकामदिन ने बताया, चंद्रयान-3 एक बहुत ही प्रतिष्ठित मिशन है, गोदरेज ने दो इंजनों के लिए हार्डवेयर में योगदान दिया है, जो दूसरे चरण के इंजन हैं।
चंद्रमा के लिए भारत के तीसरे मिशन चंद्रयान-3 का शुक्रवार दोपहर 2:35:17 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण होगा। इसके लिए बृहस्पतिवार दोपहर 1:05 बजे से 25.30 घंटे का काउंटडाउन शुरू हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 के जरिये चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारेगा। सफल रहने पर भारत दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा। अब तक रूस, अमेरिका और चीन ही चंद्रमा पर यान उतार सके हैं।
चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष में भारी उपग्रह ले जाने के लिए बने रॉकेट एलवीएम-3 एम4 (पूर्व नाम – जीएसएलवी मार्क 3) से होगा। इससे करीब एक माह बाद 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग (पूरे नियंत्रण के साथ सतह पर सुरक्षित उतारना) करवाई जाएगी। चंद्रमा का यह हिस्सा अब तक मानव की नजरों से छिपा रहा है।