उत्तराखंड के चंपावत जिले के एसडीएम सदर अनिल चन्याल लापता हो गए हैं। उनका फोन बंद आ रहा है, जिससे लोकेशन नहीं मिल पा रही है। उनके कार्यालय में तैनात पीआरडी जवान ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। लापता होने की खबर सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासनिक अमले से लेकर शासन स्तर तक हड़कंप मच गया है।
रविवार शाम से ही लापता
सूत्रों के अनुसार, एसडीएम रविवार की शाम से ही अपने घर से लापता हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने शनिवार की सुबह उन्होंने अपने कार्यालय में पंत जयंती मनाई थी और शाम को अपने कुक रमेश राम को छुट्टी देकर घर भेज दिया था। रविवार की दोपहर बाद उन्होंने अपने गनर मोहन भट्ट को भी घर भेज दिया। एसडीएम सदर के लापता होने की जानकारी सोमवार की सुबह हुई।
सोमवार सुबह चला पता
सोमवार सुबह चालक और गनर वाहन लेकर पूल्ड आवास स्थित उनके कमरे में पहुंचे तो वे वहां नहीं मिले। दोपहर तक उनका कहीं सुराग नहीं लगा तो कार्यालय में तैनात पीआरडी जवान ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है। घटना की सूचना के बाद छुट्टी में गए एसपी देवेंद्र पींचा भी लौट आए हैं। एसपी मंगलवार को अपने कार्यालय पहुंचेंगे।
अंतिम लोकेशन चंपावत में ही मिली
एसडीएम के लापता होने की खबर आग की तहर फैल गई है। इस घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कोतवाल योगेश उपाध्याय ने बताया कि कुक की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज करने के बाद उनकी खोजबीन शुरू कर दी है। आसपास के जंगलों में कांबिंग की जा रही है। एसडीएम का सरकारी फोन कमरे में ही पड़ा हुआ मिला है, जबकि निजी फोन बंद है। अंतिम लोकेशन चंपावत में ही मिली है। पुलिस ने उनके कुक, गनर और विभाग के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
फेसबुक में मन की शांति के लिए अपडेट की थी पोस्ट
एसडीएम सदर अनिल चन्याल मानसिक रूप से काफी परेशान दिख रहे थे। 9 सितंबर को उन्होंने अपनी फेसबुक पर ‘Tracking and long drive is also a peace of mind…’ नाम से पोस्ट भी अपडेट की थी। सूत्रों का कहना है की उन्होंने अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया था लेकिन अवकाश न मिलने से काफी परेशान थे।
तीन टीमें कर रही एसडीएम की तलाश
एडीएम हेमंत वर्मा ने बताया कि एसडीम की तलाश के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है कि राजस्व, पुलिस, एसओजी की टीम अपने अपने स्तर से एसडीएम की तलाश करने में जुटी हुई है। एसडीएम सदर के लापता होने की जानकारी सुबह ही मिली है। गुमशुदगी दर्ज कर तलाश की जा रही है। हो सकता है कि वह कुछ मानसिक रूप से परेशान हों तो कहीं घूमने चले गए हों। जल्दी मिल जाएंगे। और छुट्टी का कोई इशू नहीं है। उन्हें 15 दिन की छुट्टी के लिए एप्लिकेशन दी है।