उत्तराखंड मे चमोली जिले के रैणी-तपोवन क्षेत्र में आई आपदा को पूरे 15 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन, लापता लोगों का कोई सुराग अभी तक नहीं मिल पाया है। वहीं दूसरी ओर, एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,सेना,आईटीबीपी के जवान लगातार राहत व बचाव का कार्य कर रहे हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने चिंता जताते हुए बताया कि कि आपदा में करीब 70 से ज्यादा शव व 28 मानव अंग मिल चुके हैं। बता दें कि आपदा में 204 लोग लापता हो गए थे। 7 फरवरी रविवार को रैणी-तपोवन में आपदा आई थी।
आपदा की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंच गई थी। पर विधिवत तौर पर आपदा में लापता और मृतक हुए लोगों की खोजबीन दूसरे दिन से शुरू हुई। पहले एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, पुलिस ने खोजबीन और राहत और बचाव का कार्य शुरू किया। इसके तुरन्त बाद एनडीआरएफ ने मोर्चा सम्भाल कर राहत बचाव और तपोवन टनल और बैराज में फंसे और ऋषि गंगा प्रोजेक्ट स्थल पर दबे लोगों की खोजबीन शुरू की। यह अभियान अभी भी जारी है।
आपदा के तुरंत बाद राहत और बचाव तथा तपोवन टनल के अंदर और बैराज स्थल और रैणी की ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल और बैराज साइट समेत नदियों के तट पर और प्रभावित गांवों में राहत और बचाव के अभियान में एनडीआरएफ के 129 जवान और अधिकारी जुटे हैं। जबकि एसडीआरएफ के 70 जवान दिन रात रेस्क्यू अभियान में जुटे हैं। एसडीआरएफ के कुछ और जवान और अफसर रैणी के ऊपर बनी झील के निरीक्षण के लिए भी पहुंचे थे।
रैणी और तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में राहत बचाव और शवों तथा मानव जीवन की तलाश के अभियान में आईटीबीपी के 425 जवान और अफसर, भारत की सेना के 114 जवान और अफसर, नौसेना के 16 जवान, वायु सेना के 2 जवान, बीआरओ के जवान और अफसर, एसएसबी, पुलिस अधीक्षक चमोली समेत पुलिस के 71 जवान और अफसर इस आपदा में राहत और बचाव के अभियान में जुटे हैं।