एनटीपीसी की सुरंग में फंसे 35 कर्मचारियों का सुराग लगाने भेजा ड्रोन फेल हो गया है। अब रेस्क्यू टीमें सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग कर पता लगाने की कोशिश करेंगी। तपोवन जल विद्युत परियोजना की जिस 400 मीटर लंबी सुरंग में बीते रविवार को जल प्रलय से 35 कर्मचारी फंस गए थे, अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। बचाव दल ने खोज और बचाव के लिए मंगलवार देर शाम सुरंग में ड्रोन भेजा, जो सुरंग के कुछ हिस्से तक ही जा पाया।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इस सुरंग में जमा गाद को निकालने के लिए चार दिन से मशीनें लगी हैं, लेकिन पूरी सुरंग गाद से भरी होने से अभियान बार-बार बाधित हो रहा है। अब परियोजना की दो सुरंगों के मुहाने पर ड्रिलिंग करने का फैसला लिया गया है। 400 मीटर लंबी इस सुंरग की ऊपरी सतह बहुत कठोर है। इसलिए ड्रिलिंग करना भी चुनौती से कम नहीं है।
सुरंग के अंदर मलबा निकालने में जुटी मशीनों को भी तब कुछ देर मुश्किल का सामना करना पड़ा, जब लोहे की बड़ी-बड़ी छड़ें टनल के दोनों तरफ से उभर आईं। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा में रविवार को आई आपदा ने भारी तबाही मचाई है। इस हादसे में अब भी कई श्रमिक लापता हैं। राहत व बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षा बला सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
बुधवार शाम तक आपदा ग्रस्त क्षेत्र में से रेस्क्यू टीमों ने अभी तक 34 शव बरामद कर लिए हैं, जिनमें से 10 मृतकों क शिनाख्त हो गई है। चिंता की बात है कि आपदाग्रसत क्षेत्र में अभी भी 170 व्यक्ति लापता हैं। रेस्क्य कार्य में जुटे एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,सेना, आईटीबीपी सहित बीआरओ के बहादुर जवानों की कोशिश लगातार जारी है।
परिजनों ने व्हाट्सएप के जरिये साधा संपर्क
अपनों की पहचान के लिए 86 परिजनों ने पुलिस के जारी व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क साधा। डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सभी संबंधित व्यक्तियों को व्हाट्सएप से लापता लोगों की सूची व शवों की पहचान के लिए विवरण भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया से अब तक दो शवों की शिनाख्त हो चुकी है।
एफएसएल की भी मदद
बरामद शवों के डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की मदद भी ली जा रही है। शवों को जोशीमठ, कर्णप्रयाग व गोपेश्वर मोर्चरी में रखा गया है। इनकी शिनाख्त के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है। डीआईजी भरणे ने बताया कि शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा जा रहा है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक जरूरत की वस्तुओं की कमी किसी भी सूरत में न होने दी जाए। जिन मृतकों की पहचान हो जाए, उनके आश्रितों को राहत राशि तत्काल दे दी जाए।