तपोवन परियोजना की अंधेरी सुरंग में फंसे लोगों के शव सुरंग की छत पर चिपके मिले। बुरी तरह फूले शवों को निकालने में बचाव कर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। सभी मृतकों की उम्र 30 से 35 उम्र के बीच है। गत एक सप्ताह से दिन रात चल रहे खोजबीन अभियान में, टीम को रविवार तड़के पांच बजकर दस मिनट पर पहली सफलता मिली।
जेसीबी चालक खुशहाल चौधरी के साथ ट्रक चालक विजेंद्र कुमार और विद्यादत्त मलेठा सुरंग के अंदर करीब 125 मीटर की दूरी पर मलबा उठा रहे थे, इस दौरान उन्हें सुरंग की छत की तरफ कपड़े चिपके नजर आए।
बता दें कि जेसीबी से मलबा हटाने पर अचानक शव नीचे की तरफ खिसक आया। इसकी सूचना बाहर तैनात एनडीआरएफ टीम को दी। बाद में उक्त शव की पहचान आलम सिंह के रूप में हुई।
इसके पांच मिनट बाद फिर इसी तरह कालसी निवासी अनिल कुमार का शव भी छत पर चिपका मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शव बुरी तरह फूले हुए थे, साथ ही मलबे के कारण चेहरा पहचानना मुश्किल हो रहा था।
माना जा रहा है कि सभी लोग बचने के लिए बाहर की तरफ दौड़े होंगे लेकिन यहां भी मलबा फंसे होने से उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बाढ़ की दबाव से उनका शव सुरंग की छत पर चिपक गया। एनटीपीसी के जीएम आरपी अहीरवाल के मुताबिक लोग छत पर बने स्टील की रिब को पकड़े हुए मिले, संभावना जताई जा रही है कि खुद को बाढ़ से बचाने के लिए ऐसा किया होगा।