उत्तराखंड में रविवार को चमोली जिले स्थित ऋषिगंगा में आई बाढ़ से पैदा हालात से निपटने के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पुलिस के एक हजार से अधिक जवानों को बचाव और राहत अभियान में लगाया गया। इस आपदा में तपोवन-रैणी क्षेत्र में स्थित ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले करीब 203 कर्मी एक दिन बाद भी लापता हैं।
ग्लेशियर टूटने के चलते अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर हैं। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का अभियान रविवार देर रात नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण रोकना पड़ा था जिसे सोमवार सुबह शुरू किया गया।
लेकिन, चिंता की बात है कि उत्तराखंड में मौसम फिर से करवट लेने वाला है जिससे राहत व बचाव कार्य में खलल पड़ सकता है। मौसम विभाग की मानें तो नौ फरवरी से लेकर दस फरवरी तक पर्वतीय क्षेत्र में कहीं कहीं हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में राहत कार्यों में जुटे जवानों को लोगों को बचाने के लिए मशक्क्त करनी पड़ सकती है।
यही नहीं, बचाव कार्य के लिए भेजे जा रहे राहत सामग्री आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचाने में दिक्कत हो सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश में तीन फरवरी से पांच फरवरी के बीच हल्की बारिश हुई। वहीं, पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी भी खूब हुई। इससे बाद छह फरवरी से मौसम साफ हो गया जिसके बाद दिन में चटख धूप से गर्मी बढ़ गई। वहीं, सुबह और शाम सर्द हवाओं के साथ ही तापमान में गिरावट आ रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में नौ फरवरी की दोपहर के बाद से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है। इसके चलते आंतरिक जिलों में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में कहीं कहीं छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है।
साथ ही इन जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना भी है। मौसम का मिजाज 10 फरवरी शाम तक ऐसे ही रहेगा। लेकिन, इसके बाद 11 फरवरी से मौसम फिर से साफ हो जाएगा। फिर अगले दो चार दिन तक फिर से मौसम साफ रहने की संभावना है। इन दिनों पर्वतीय क्षेत्र में सामान्य से दो डिग्री से चार डिग्री तक तापमान में बढ़ोत्तरी की संभावना है