किसानों के इस चक्का जाम को कांग्रेस समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है। किसानों के चक्का जाम से पहले दिल्ली पूरी तरह से छावनी में बदल गई है। ट्रैक्टर रैली की घटना से सबक लेते हुए दिल्ली में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा चाक-चौबंद है।
दिल्ली में सुरक्षा कड़ी है, यह जानते हुए भी कि किसानों ने ऐलान किया है कि चक्का जाम का असर राजधानी दिल्ली में नहीं होगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में आज यानी शनिवार को चक्का जाम नहीं होगा। किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे। हालांकि, फिर भी दिल्ली पुलिस और एजेंसियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
किसानों के चक्का जाम को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में करीब 50 हजार से अधिक दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री और रिजर्व बलों के जवानों की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, कम से कम 12 मेट्रो स्टेशनों के गेट को बंद करने या खोलने के लिए अलर्ट पर रखा गया है। यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने दी है।
दिल्ली- गाजीपुर की सीमा पर पानी वाले वाहनों के साथ व्यापक रूप से बैरिकेडिंग के उपाय किए गए हैं, जो किसान यूनियनों संभावित गड़बड़ियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियन के ‘चक्का जाम’ को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आईटीओ क्षेत्र में पुलिस बैरिकेड के ऊपर कांटेदार तार लगाए गए हैं।
-किसान दिल्ली में चक्का जाम नहीं करेंगे। किसानों के दिल्ली में चक्का जाम न करने के ऐलान के बावजूद पुलिस किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।आईटीओ पर पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं। बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है।