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चैत्र नवरात्र की हुई शुरुआत, 9 दिनों तक अनुष्ठानों की रहेगी धूम

Uttarakhand Samachar

आज से ही नवरात्रि भी शुरू हो गई हैं । इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। नवरात्रि 2021 घट स्थापना का समय दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 बजकर रहेगा। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है । बता दें कि हर साल दो बार नवरात्रि मनाई जाती है।

9 दिवसीय यह त्योहार पहली बार मार्च-अप्रैल के महीनों में मनाया जाता है और इसे चैत्र नवरात्रि और बसंत नवरात्रि के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह बसंत के मौसम में आता है। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन पूर्णिमा चरण के दौरान पड़ता है, जिसे शुक्ल पक्ष चरण के रूप में जाना जाता है।

चैत्र नवरात्रि का पहला दिन हिंदू कैलेंडर के दिन को भी दर्शाता है। नौ दिनों के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और सभी नौ दिनों को शुभ माना जाता है। राक्षस यानी बुराई का विनाश करने वाली मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं, कई अनुष्ठान भी करते हैं।

देवी मंदिरों में भीड़ तो रहती है पूरे माहौल में भजन-कीर्तन की अनुगूंज सुनाई देती है। नौ दिनों के दौरान किए गए अनुष्ठान हर दिन बदलते हैं। बता दें कि इस बार नवरात्रि पर ग्रहों के राजा सूर्य का मेष राशि में गोचर हो रहा है।

इसके साथ ही संवत्सर प्रतिपदा और विषुवत संक्रांति दोनों एक ही दिन 31 गते चैत्र, 13 अप्रैल को हो रही है। ज्योतिषाचार्यों का मत है कि यह स्थिति अर्थात शुभ संयोग करीब 90 साल बाद बन रही है। देश में, चैत्र नवरात्रि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

महाराष्ट्र में, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में जाना जाता है, जबकि कश्मीर में चैत्र नवरात्रि को नवरात्र के रूप में जाना जाता है। भले ही नाम पूरे देश में अलग-अलग हों, लेकिन त्योहार को उसी उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।

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