ताजा हलचल

चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा, महत्त्व, दिन का शुभ रंग और पूजा विधि

"चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा, महत्त्व, दिन का शुभ रंग और पूजा विधि"

चैत्र नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है, जिन्हें तप और संयम की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनका रूप अत्यंत पवित्र और आशीर्वाद देने वाला होता है। कहा जाता है कि माँ ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कड़ी तपस्या की थी, और उनके कठिन तप के फलस्वरूप उन्होंने भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया। माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद जीवन में शक्ति, शांति और मानसिक संतुलन लाता है।

इस दिन का शुभ रंग हरा होता है, जो समृद्धि, शांति और प्रकृति के उन्नति का प्रतीक है। हरे रंग का महत्व न केवल शांति के प्रतीक के रूप में है, बल्कि यह जीवन में नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने में भी सहायक है। हरा रंग मानसिक शांति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।

पूजा विधि में सबसे पहले श्रद्धालु व्रत का संकल्प करते हैं और माँ ब्रह्मचारिणी का स्मरण करते हैं। उन्हें विशेष रूप से दूध, शहद, और शक्कर का भोग अर्पित किया जाता है। पूजा के दौरान ‘ॐ ब्रह्मचारिण्यै नम:’ मंत्र का जाप किया जाता है। इस दिन उपवासी रहकर श्रद्धालु अखंड दीपक जलाते हैं और व्रत का पालन करते हैं। यह दिन विशेष रूप से तप, संयम और आत्मिक शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से न केवल मानसिक शांति और सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि यह आत्मविश्वास और जीवन में सफलता की दिशा में भी मदद करती है।

Exit mobile version